Janmashtami 2025 Shubh Muhurat: आज रात इतने बजे होगा श्रीकृष्ण जन्म, जानें पूरी पूजन विधि और महत्व

Janmashtami 2025: पूरे देश में आज जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव है. भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात को बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की विशेष पूजा करते हैं. माना जाता है कि जन्माष्टमी पर व्रत और पूजन करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

जन्माष्टमी 2025 का शुभ मुहूर्त

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हुआ था, इसलिए इस दिन को जन्माष्टमी कहा जाता है. इस बार जन्मोत्सव का विशेष मुहूर्त रात 12 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. वहीं, चंद्रोदय का समय आज रात 11 बजकर 32 मिनट पर है. इसी समय श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

रोहिणी नक्षत्र का संयोग

श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, लेकिन इस साल जन्माष्टमी पर यह संयोग नहीं बन रहा. रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त की सुबह 4:38 बजे से शुरू होकर 18 अगस्त की भोर 3:17 बजे तक रहेगा. इसलिए आज रात उपलब्ध मुहूर्त में ही श्रीकृष्ण पूजन करना उत्तम रहेगा.

तिथि और समय

अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात 11:48 बजे शुरू होकर 16 अगस्त की रात 9:34 बजे तक रहेगी. उदयातिथि को ही मान्य माना जाता है, इसलिए जन्माष्टमी का पर्व आज 16 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है. भक्त इस दिन भगवान के लिए झांकियां सजाते हैं और भोग अर्पित करते हैं.

पूजन विधि (Janmashtami 2025 Pujan Vidhi)

  • सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें और फलाहार करें.
  • मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण की प्रतिमा को दूध, दही, शहद, शर्करा और घी से स्नान कराएं.
  • भगवान को पीतांबर, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें.
  • शंख में जल और अर्पण सामग्री भरकर पूजा करें.
  • अंत में बाल गोपाल को झूले में बैठाकर झुलाएं और प्रेम से अपनी कामना कहें.

जन्माष्टमी मंत्र (Janmashtami 2025 Mantra)

पूजन के समय “श्रीकृष्ण” नाम का जाप करें, जिसे महामंत्र कहा गया है. इसके अलावा “हरे कृष्ण हरे राम” महामंत्र का जाप या “मधुराष्टक” का पाठ भी कर सकते हैं. अध्यात्मिक ज्ञान के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें.

जन्माष्टमी का भोग

भगवान श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी पर माखन-मिश्री का भोग सबसे प्रिय है. कई जगहों पर धनिया की पंजीरी का भी भोग लगाया जाता है. साथ ही पंचामृत अर्पित करना विशेष फलदायी माना गया है.

DINESH KUMAR
Dinesh Kumar

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